रेखा पात्रा जीवन परिचय (संदेशखाली पीड़िता): Rekha Patra Biography In Hindi

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रेखा पात्रा कौन है? पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में महिलाओं के खिलाफ हुई हिंसा को भुलाया नहीं जा सकता और इस घटना के विरुद्ध आवाज़ उठाने वाली महिलाओं में एक प्रमुख नाम था – रेखा पात्रा। वह उन महिलाओं में से एक हैं जो राज्य के संदेशखाली इलाके में हिंसा से जीवित बची थीं। पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना ज़िले के संदेशखाली में यौन उत्पीड़न घटना में रेखा पात्रा ने सबसे पहले केस दर्ज कराया था।

उनके जीवन में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन तब आया जब भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने लोकसभा चुनाव के लिए पश्चिम बंगाल के बशीरहाट निर्वाचन क्षेत्र से रेखा पात्रा को अपना उम्मीदवार बनाया है।

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रेखा पात्रा का जीवन परिचय | Rekha Patra Biography Hindi

रेखा पात्रा का जीवन परिचय (Sandeshkhali Victim: Rekha Patra Biography In Hindi)

आर्टिकल टाइटल रेखा पात्रा जीवन-चरित्र
पूरा नामरेखा पात्रा (महिला राजनेता)
इसलिए चर्चा में है(पश्चिम बंगाल) संदेशखाली पीड़िता के रूप में
प्रसिद्ध हैसंदेशखाली में महिलाओं के खिलाफ हुई हिंसा के खिलाफ आवाज उठाई
रेखा पात्रा की उम्र31 वर्ष (2024 तक)
जन्म की तारीख22-04-1993
जन्म स्थानपश्चिम बंगाल
व्यवसायहाउसवाइफ है परंतु हाल ही में राजनीति में आई है
पॉलिटिकल पार्टी से संबंधभारतीय जनता पार्टी (BJP)
पेशागृहिणी, राजनेता
वर्तमान पदलोक सभा चुनाव 2024 उम्मीदवार
चुनाव क्षेत्र का नामबशीरहाट (पश्चिम बंगाल)
वैवाहिक स्थितिशादीशुदा है
पिता का नामधीरेन नस्कर (Dhiren Naskar)
माता का नामसारथी नस्कर (Sarathi Naskar)
पति का नामसंदीप पात्रा (Sandip Patra)
पति का व्यवसायमेसन (राजमिस्त्री), दिहाड़ी मजदूर
बच्चे1 बेटी
जाति (SC) अनुसूचित जाति (पात्रा)
शैक्षिक विवरण
5वीं पास. (उत्तर बौठाकुरानी एफ.पी. स्कूल। उत्तीर्ण वर्ष: 2003)
संपर्क हेतु पता• गांव/कस्बा/शहर: संदेशखाली
• पोस्ट ऑफ़िस: संदेशखाली
• ब्लॉक/नगर पालिका/निगम: संदेशखाली-II
• जिला: उत्तर 24 परगना
• पिन कोड: 743446
• राज्य: पश्चिम बंगाल
जेंडरफीमेल

कौन हैं रेखा पात्रा?

रेखा पात्रा पश्चिम बंगाल के संदेशखाली क्षेत्र में रहने वाली एक गृहिणी (हाउसवाइफ) हैं। वहां संदेशखाली के पात्रापारा इलाके में वह अपने परिवार के साथ शांत जीवन जी रही थी। लेकिन उनके और वहां रहने वाली कई महिलाओं के साथ हुई महिला उत्पीड़न की घटना ने उनकी जिंदगी पूरी तरह बदल दी। हालाँकि, उनके नाम ने राष्ट्रीय स्तर पर तब ध्यान आकर्षित किया जब वह संदेशखाली में कथित यौन हिंसा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाली एक प्रमुख महिला शख्सियत के रूप में उभरीं।

उन्होंने ही सबसे पहले संदेशखाली की महिलाओं की आवाज उठाई थी। उनके साहसऔर दृढ़ इच्छाशक्ति का ही परिणाम था इस घटना के तीनों मुख्य आरोपी निष्कासित टीएमसी विधायक शेख शाहजहां, शिबू हाजरा और उत्तम सरदार आज सलाखों के पीछे हैं।

रेखा पात्रा का पॉलिटिकल करियर

रेखा पात्रा के राजनीतिक करियर की शुरुआत तब हुई जब वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुईं। इस बीच, संदेशखाली विवाद के जवाब में, जब तृणमूल कांग्रेस ने सांसद नुसरत जहां को बशीरहाट सीट (लोकसभा चुनाव 2024) से उम्मीदवारी से वापस लेने का फैसला किया है। इसके बजाय, TMC पार्टी ने उनकी जगह नुरुल इस्लाम को चुनाव लड़ने के लिए नामांकित किया था, इसके जवाब में आगामी लोकसभा चुनाव 2024 के लिए बीजेपी ने बशीरहाट से रेखा पात्रा के नाम की घोषणा की थी।

हालांकि, पश्चिम बंगाल में बशीरहाट लोकसभा सीट पर भाजपा की रेखा पात्रा तृणमूल कांग्रेस के एसके नूरुल इस्लाम से लोकसभा चुनाव 2024 हार गईं थी।

उन्हें बीजेपी से लोकसभा का टिकट कैसे मिला?

दरअसल जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संदेशखाली की पीड़िताओं से मिलने के लिए पश्चिम बंगाल आए थे, उनमें रेखा पात्रा भी शामिल थीं। उनकी हिम्मत और साहस के बारे में जानकर प्रधानमंत्री मोदी भी बेहद प्रभावित हुए थे, जिसके बाद भाजपा ने बशीरहाट से रेखा पात्रा को उम्मीदवार बनाया है जो संदेशखाली की रहने वाली हैं। भाजपा सूत्रों के मुताबिक इसके बाद रेखा के नाम पर खुद प्रधानमंत्री ने मुहर लगाई थी।

हालांकि संदेशखाली के लोगों ने नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी से भी पात्रा को उम्मीदवार बनाने का अनुरोध किया था, जिसे उन्होंने केंद्रीय नेतृत्व को बता दिया था।

रेखा पात्रा का जीवन चरित्र निष्कर्ष (Rekha Patra’s Biography Conclusion)

“संदेशखाली के पीड़ितों में से एक (रेखा पात्रा) को बशीरहाट से (आगामी लोकसभा चुनाव के लिए) उम्मीदवार बनाया गया है…” बीजेपी का यह कदम उनकी योग्यता और अन्याय के विरुद्ध लड़ने की क्षमता को दर्शाता है।

मेरी राय में हमें अन्याय के खिलाफ लड़ने वाली ऐसी साहसी महिलाओं का पूरा समर्थन करना चाहिए और इस लड़ाई में उनका पूरा साथ देना चाहिए।

हालाँकि, रेखा पात्रा पश्चिम बंगाल में बशीरहाट लोकसभा क्षेत्र से तृणमूल कांग्रेस के एसके नूरुल इस्लाम से चुनाव हार गईं, लेकिन उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी को कड़ी टक्कर दी। उन्होंने वास्तव में कई महिलाओं को ऐसा करने के लिए प्रेरित किया है। देशवासियों को उन पर गर्व है।

AUTHOR:  RashmiPopular Posts

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