इसरो के आदित्य L1 मिशन लॉन्च की तारीख क्या है, सोलर मिशन का लक्ष्य, लॉन्च व्हीकल, मददगार देश, किस ग्रह के लिए है, आदित्य L1 पर निबंध (What is Aditya L1 mission launch date, aim, full form, launch vehicle name, helping countries, cost, for which planet, manufacturers, Wikipedia, UPSC Notes.)
आदित्य L1 मिशन क्या है (What is Aditya L1 Mission In Hindi): पृथ्वी को जीवन देने वाले ऊर्जा के मुख्य स्रोत सूर्य के बारे में हमारी जानकारी बेहद कम है। इसलिए इसरो ने इस वर्ष सूर्य का अध्ययन करने के लिए भारत का पहला मिशन आदित्य-एल1 लॉन्च करने की योजना बनाई है। आदित्य मिशन का मुख्य उद्देश्य चौबीसों घंटे सूर्य की इमेजिंग करने के अलावा सौर कोरोना (solar corona), सौर उत्सर्जन (solar emissions), सौर हवाओं और ज्वालाओं (solar winds and flares), कोरोनल मास इजेक्शन (सीएमई) का अध्ययन करना है।
आदित्य-एल1 लॉन्च की तारीख और समय: सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली अंतरिक्ष-आधारित भारतीय वेधशाला (Indian observatory), इसरो आदित्य-एल1 का लॉन्च 2 सितंबर, 2023 को श्रीहरिकोटा से 1:50 बजे IST पर किया जाएगा।
आदित्य L1 मिशन क्या है (What is Aditya L1 Mission In Hindi)
इसरो सूर्य और सोलर कोरोना (Solar Corona) का निरीक्षण करने के लिये 2023-24 तक सूर्य का निरीक्षण करने वाला पहला भारतीय अंतरिक्ष मिशन आदित्य-L1 अंतरिक्ष योजना पर कार्य कर रहा है। भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो का आदित्य एल1 सूर्य (Sun) का अध्ययन करने वाला पहला अंतरिक्ष आधारित मिशन होगा। इसमें स्पेसक्राफ़्ट को सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के लैग्रेंज बिंदु 1 (एल1) के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा (हेलो ऑर्बिट: halo orbit) में रखा जाएगा, जो पृथ्वी से लगभग 1.5 मिलियन किमी दूर है।
इसका सबसे बड़ा फ़ायदा इस L1 बिंदु के चारों ओर प्रभामंडल कक्षा में रखे गए उपग्रह को बिना किसी ग्रहण के सूर्य को लगातार देखने का प्रमुख लाभ होता है। इससे हमें वास्तविक समय में सौर गतिविधि और अंतरिक्ष मौसम पर इसके प्रभाव को देखने का लाभ मिलेगा, जिससे हमें सूर्य के बारे में अधिक से अधिक जानकारी मिलेगी।
आदित्य अंतरिक्ष यान विद्युत चुम्बकीय और कण और चुंबकीय क्षेत्र डिटेक्टरों का उपयोग करके सूर्य के प्रकाशमंडल, क्रोमोस्फीयर और सबसे बाहरी परतों (कोरोना) का निरीक्षण करने के लिए सात पेलोड ले जाएगा। विशेष सुविधाजनक बिंदु L1 का उपयोग करते हुए, चार पेलोड सीधे सूर्य का निरीक्षण करने में सक्षम होंगे और शेष तीन पेलोड लैग्रेंज बिंदु L1 पर कणों और क्षेत्रों का इन-सीटू अध्ययन करेंगे, इस प्रकार अंतरग्रहीय माध्यम में सौर गतिशीलता के प्रसार प्रभाव का महत्वपूर्ण वैज्ञानिक अध्ययन प्रदान करेंगे।
वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि आदित्य एल1 पेलोड के सूट कोरोनल हीटिंग, कोरोनल मास इजेक्शन, प्री-फ्लेयर और फ्लेयर गतिविधियों और उनकी विशेषताओं, अंतरिक्ष मौसम की गतिशीलता, कण और क्षेत्रों के प्रसार आदि की समस्या को समझने के लिए सबसे महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे।
इसरो सौर मिशन आदित्य एल1 मिशन प्रोफ़ाइल (ISRO Solar Mission Aditya L1 Mission Profile In Hindi)
मिशन का नाम | आदित्य एल1 (Aditya-L1) |
लॉन्च की तारीख | 2 सितंबर 2023 |
लॉन्च का समय | 11:50 बजे IST (श्रीहरिकोटा से) |
लॉन्च साइट | सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्री हरिकोटा |
आदित्य-एल1/लागत | 5.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर |
लॉन्च मास | 1,500 किग्रा |
मिशन ऑब्जेक्टिव | ☀️ सूर्य का अध्ययन |
निर्माता | इसरो, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स (आईआईए), इंटर-यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स |
आदित्य एल1 मिशन में L1 क्या है (What is L1 in Aditya Mission)
आदित्य L1 में ‘L1‘ का मतलब लैग्रेंजियन पॉइंट है। आदित्य मिशन के उपग्रह को इसरो (एल1) द्वारा लैग्रेंजियन बिंदु के आसपास हेलो कक्षा में स्थापित किया जाना है। पृथ्वी से L1 की दूरी लगभग 1.5 मिलियन किमी है। इस बिंदु पर सूर्य का निर्बाध, निरंतर अवलोकन फायदेमंद हो सकता है। इसी वजह से भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने इस मिशन का नाम आदित्य एल1 रखा है।
लैग्रेंज बिंदु क्या है (What is Lagrange Point)
लैग्रेंज पॉइंट (Lagrange Points) अंतरिक्ष में स्थित वे स्थान हैं जहां सूर्य और पृथ्वी जैसी दो-पिंड प्रणाली के गुरुत्वाकर्षण बल आकर्षण और प्रतिकर्षण के उन्नत क्षेत्र उत्पन्न करते हैं। इनका उपयोग अंतरिक्ष यान द्वारा न्यूनतम ईंधन खपत के साथ एक निश्चित स्थिति में रहने के लिए अंतरिक्ष में “पार्किंग स्थल” के रूप में किया जा सकता है। लैग्रेंज पॉइंट (बिंदुओं) को लैग्रेंजियन पॉइंट या लिबरेशन पॉइंट भी कहा जाता है।
लैग्रेंज पॉइंट्स को यह नाम कैसे मिला?
लैग्रेंज पॉइंट्स का नाम इतालवी-फ्रांसीसी (Italian-French) गणितज्ञ (mathematician) जोसेफी-लुई लैग्रेंज (Josephy-Louis Lagrange) के सम्मान में रखा गया है।
लैग्रेंज पॉइंट का आविष्कार किसने किया?
1736 में पैदा हुए जोसेफ-लुई लैग्रेंज नामक एक फ्रांसीसी-इतालवी गणितज्ञ ने प्लेनेटरी फिजिक्स के अपने अध्ययन के दौरान उनके अस्तित्व की खोज की थी। लैग्रेंज बिंदु अंतरिक्ष में काल्पनिक बिंदु हैं जहां वहां भेजी गई वस्तुएं वहीं रहेंगी।
लैग्रेंज पॉइंट के क्या फायदे हैं (What are the advantages of Lagrange points)
लैग्रेंज बिंदु अंतरिक्ष में वे स्थान हैं जहां वहां भेजी गई वस्तुएं वहीं रुक जाती हैं। लैग्रेंज बिंदुओं पर, दो बड़े द्रव्यमानों का गुरुत्वाकर्षण खिंचाव एक छोटी वस्तु को उनके साथ चलने के लिए आवश्यक सेंट्रिपेटल बल के बराबर होता है। अंतरिक्ष में इन बिंदुओं का उपयोग अंतरिक्ष यान द्वारा स्थिति में बने रहने के लिए आवश्यक ईंधन की खपत को कम करने के लिए किया जा सकता है।)
आदित्य L1 कब छोड़ा जाएगा (When will Aditya L1 be launched)
आदित्य एल1 मिशन को इसरो द्वारा 2 सितंबर, 2023 में लॉन्च करने की योजना है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसरो अपने आदित्य एल1 सैटेलाइट को लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है, जो एक कोरोनोग्राफी सैटेलाइट है। इस भारतीय उपग्रह को ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) या रॉकेट का उपयोग करके अंतरिक्ष में भेजा जाएगा।
आदित्य L1 मिशन का उद्देश्य क्या है (What is the purpose of Aditya L1 mission)
आदित्य एल1 मिशन का उद्देश्य: आदित्य एल1 मिशन का उद्देश्य सूर्य के कोरोना, क्रोमोस्फीयर और प्रकाशमंडल (फ़ोटोस्फीयर) का अध्ययन करना है।
इसरो आदित्य-एल1 के कार्य एवं प्रणाली (Functions and System of ISRO Aditya-L1)
आदित्य L1 मिशन को इसरो पीएसएलवी एक्सएल रॉकेट द्वारा सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDSC-SHAR), श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया जाएगा। प्रारंभ में, अंतरिक्ष यान को निम्न पृथ्वी कक्षा (Low Earth Orbit) में रखा जाएगा। बाद में, ऑर्बिट को अधिक अण्डाकार (elliptical) बनाया जाएगा और बाद में अंतरिक्ष यान को ऑनबोर्ड प्रोपल्शन का उपयोग करके लैग्रेंज पॉइंट (L1) की ओर प्रक्षेपित किया जाएगा।
आदित्य L1 मिशन में कितने पेलोड हैं (How many Payloads are there in Aditya L1 Mission)
आदित्य अंतरिक्ष यान पर कुल सात पेलोड होंगे, जिनमें से चार सूर्य की रिमोट सेंसिंग करेंगे और तीन इन-सीटू अवलोकन करेंगे। नीचे उन पेलोड की सूची दी गई है जिनका उपयोग आदित्य मिशन के लिए किया गया है:
क्र.सं. | आदित्य-L1 पेलोड |
रिमोट सेंसिंग पेलोड | |
1 | विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ (वीईएलसी) |
2 | सोलर लो एनर्जी एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (SoLEXS) |
3 | सोलर अल्ट्रावायलेट इमेजिंग टेलीस्कोप (SUIT) |
4 | हाई एनर्जी L1 ऑर्बिटिंग एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (HEL1OS) |
इन-सीटू पेलोड | |
5 | आदित्य सोलर विंड पार्टिकल एक्सपेरिमेंट (ASPEX) |
6 | प्लाज्मा एनालाइजर पैकेज फॉर आदित्य (PAPA) |
7 | एडवांस्ड ट्राइ-ऐक्सीअल हाई रिज़ॉल्यूशन डिजिटल मैग्नेटोमीटर |
आदित्य मिशन का इतिहास (History of Aditya Mission)
आदित्य-एल1 मिशन का उपयोग सूर्य का अध्ययन करने के लिए किया जाएगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन सूर्य और सौर कोरोना का निरीक्षण करने के लिए अगस्त 2023 तक सूर्य का निरीक्षण करने वाला पहला भारतीय अंतरिक्ष मिशन, इसरो आदित्य-L1 मिशन लॉन्च करने की योजना बना रहा है। इसरो द्वारा कई अंतरिक्ष अभियानों को सफ़लता पूर्वक पूरा किया गया है, और भविष्य में भी कई स्पेस मिशनों की योजना बनाई गई है। धरती पर प्रकाश और ऊर्जा के स्रोत सूर्य का अध्ययन करने के लिए आदित्य एल1 नाम के अग्रणी मिशन को शुरू किया है जिसकी जल्द ही लॉन्चिंग होगी। सर्वप्रथम, जनवरी 2008 में अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए सलाहकार समिति द्वारा इस अवधारणा पर विचार किया गया।
FAQ: आदित्य एल1 मिशन से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
u003cstrongu003eQ: सूर्य का निरीक्षण करने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष मिशन का नाम क्याu003c/strongu003e u003cstrongu003eहै?u003c/strongu003e
u003cstrongu003eAnsu003c/strongu003e. सूर्य का अध्ययन करने वाला पहला भारतीय स्पेसक्राफ़्ट u003cstrongu003eआदित्य L1u003c/strongu003e है।
u003cstrongu003eQ: आदित्य L1 मिशन क्या है?u003c/strongu003e
u003cstrongu003eAns.u003c/strongu003e आदित्य एल1 सूर्य का अध्ययन करने वाला पहला अंतरिक्ष मिशन होगा।
u003cstrongu003eQ: आदित्य एल1 मिशन का उद्देश्य क्या है?u003c/strongu003e
u003cstrongu003eAns.u003c/strongu003e ‘इसरो’ सौर मिशन ‘आदित्य एल-1’ को अगस्त 2023 में लॉन्च करेगा। इस आदित्य यान के जरिये सूर्य की विभिन्न प्रक्रियाओं को देखा जा सकेगा अधिक से अधिक जानकारी एकत्रित की जा सकेगी। साथ ही आप यह देख सकेंगे कि सूर्य की गतिविधियों का अंतरिक्ष के मौसम पर कैसे प्रभाव पड़ता है।
u003cstrongu003eQ: सूर्य का अध्ययन करने के लिए इसरो के मिशन का नाम क्या है?u003c/strongu003e
u003cstrongu003eAns.u003c/strongu003e इसरो के मिशन का नाम आदित्य एल1 मिशन है।
u003cstrongu003eQ: कब लॉन्च होगा आदित्य-एल1?u003c/strongu003e
u003cstrongu003eAns.u003c/strongu003e आदित्य-एल1 का लॉन्च: 2 सितंबर, 2023, 11:50 बजे IST.
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