Central Vista project of India | भारत की सेंट्रल विस्टा (Central Vista) परियोजना क्या है | Central Vista project Status, Design, Blueprint, Architect, Construction Company, Website | Central Vista project In Hindi |
सेंट्रल विस्टा (Central Vista) पुनर्विकास परियोजना (Redevelopment Project ): यह रायसीना हिल, नई दिल्ली के पास स्थित भारत के केंद्रीय प्रशासनिक क्षेत्र, सेंट्रल विस्टा को नवनिर्मित (नवीनीकरण) करके और उसे एक नया रूप रंग देने व उसमें सुधार करने के लिए चल रही पुनर्विकास योजना है। सेंट्रल विस्टा दिल्ली में 3.2 किलोमीटर का विस्तार है जिसमें राष्ट्रपति भवन, संसद भवन, नार्थ और साउथ ब्लॉक, इंडिया गेट आदि शामिल हैं।
यह क्षेत्र मूल रूप से ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के दौरान सर एडविन लुटियंस (Edwin Lutyens) और सर हर्बर्ट बेकर (Herbert Baker) द्वारा डिजाइन किया गया था और स्वतंत्रता के बाद भारत सरकार द्वारा यथावत बनाए रखा गया था।
यह परियोजना 10 दिसंबर 2020 को नए संसद भवन की आधारशिला रखने के समारोह के साथ शुरू हुई थी । सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना की लागत, जिसमें एक सामान्य केंद्रीय सचिवालय और विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) भवन भी शामिल है, चार वर्षों में लगभग ₹13,450 करोड़ (US$1.7 बिलियन) होने का अनुमान लगाया गया है। इसके अंतर्गत अब तक ₹1,339 करोड़ की केवल दो परियोजनाओं का ठेका दिया गया है। इनमें क्रमश: ₹862 करोड़ और ₹477 करोड़ की अनुमानित लागत से न्यू पार्लियामेंट बिल्डिंग और सेंट्रल विस्टा एवेन्यू का कायाकल्प शामिल है।
भारत की सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना क्या है (What is Central Vista Project of India, New Delhi)
2019 में, केंद्र सरकार ने भारत की सत्ता के केंद्र प्रतिष्ठित सरकारी इमारतों जैसे संसद भवन, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री निवास आदि को एक नई पहचान देने के लिए पुनर्विकास परियोजना की घोषणा की थी। परियोजना 10 दिसंबर 2020 को नए संसद भवन की आधारशिला रखने के समारोह के साथ शुरू हुई थी।
इस योजना में एक नई संसद, प्रधान मंत्री और उपराष्ट्रपति के आवासों के साथ-साथ 10 बिल्डिंग ब्लॉक्स का निर्माण शामिल है जो सभी सरकारी मंत्रालयों और विभागों को समायोजित करेगा।
आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (Ministry of Housing and Urban Affairs) द्वारा संचालित, योजना का उद्देश्य लुटियन दिल्ली में 86 एकड़ क्षेत्र का चेहरा बदलना है जो भारत की प्रतिष्ठित इमारतों जैसे कि केंद्रीय सचिवालय, संसद भवन और राष्ट्रपति भवन के दक्षिण और उत्तरी ब्लॉकों को दिखाता है।
परियोजना के 2024 तक पूरा होने का अनुमान है।
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट | विवरण (डिटेल) |
प्रोजेक्ट का नाम | सेंट्रल विस्टा रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट |
प्रारंभ होने की तिथि | सितंबर 2019 |
योजना पूर्ण होने की तिथि | वर्ष 2024 |
समाप्ति तिथि | वर्ष 2026 |
स्थान | रायसीना हिल्स |
आर्किटेक्ट | बिमल पटेल |
स्थिति | निर्माणाधीन |
अनुमानित लागत | ₹13,450 करोड़ (US$1.7 बिलियन) |
प्रस्तावक | आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय, भारत सरकार |
सेंट्रल विस्टा परियोजना का उद्देश्य क्या है (What is the objective of the Central Vista project)
सेंट्रल विस्टा (Central Vista) परियोजना का उद्देश्य वर्ष 2020 और 2026 के बीच निर्धारित समय में, राष्ट्रपति भवन और इंडिया गेट के बीच 3 किमी (1.9 मील) लंबे कर्तव्यापथ (पुराना नाम राजपथ नाम था ) को फिर से बनाना है, सभी मंत्रालयों के लिए एक नया आम केंद्रीय सचिवालय बनाकर नार्थ और साउथ ब्लॉक को सार्वजनिक रूप से सुलभ संग्रहालयों में परिवर्तित करना है।
साथ ही भविष्य के विस्तार के लिए बढ़ी हुई बैठने की क्षमता के साथ वर्तमान संसद भवन, के पास ही न्यू पार्लियामेंट बिल्डिंग बनाना, नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक के पास उपराष्ट्रपति और प्रधान मंत्री के लिए नया निवास और कार्यालय और कुछ पुराने ढांचों को संग्रहालयों में परिवर्तित करना शामिल है।
सेंट्रल विस्टा का महत्व (Importance of Central Vista)
सेंट्रल विस्टा कॉम्प्लेक्स राष्ट्र (Nation) के लिए प्रशासन (Administration) का केंद्र है और इसमें भारत सरकार के कुशल कामकाज के लिए आवश्यक सभी सुविधाएं हैं। भारत के अधिकांश राष्ट्रीय त्योहारों और प्रमुख औपचारिक आयोजनों के लिए स्थल होने के अलावा, यह एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण के रूप में भी महत्वपूर्ण है।
1931 में उद्घाटन (Inaugurated ) किया गया, सेंट्रल विस्टा में राष्ट्रपति भवन, नार्थ और साउथ ब्लॉक, संसद भवन, रिकॉर्ड कार्यालय (Record Office ) (बाद में राष्ट्रीय अभिलेखागार के रूप में नामित – later named as The National Archives) के साथ-साथ इंडिया गेट स्मारक और राजपथ के दोनों ओर नागरिक उद्यान शामिल थे।
सेंट्रल विस्टा एवेन्यू में कर्तव्य पथ (Kartavya Path) और इंडिया गेट लॉन शामिल हैं। राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ कर दिया गया है जो शक्ति के प्रतीक (राजपथ) से सार्वजनिक स्वामित्व और सशक्तिकरण (कर्तव्य पथ) का एक उदाहरण होने का प्रतीक है।
स्वतंत्रता के बाद, केंद्रीय सचिवालय भवनों (Central Secretariat buildings) जैसे उद्योग भवन, निर्माण भवन, शास्त्री भवन, रेल भवन और कृषि भवन का निर्माण 1956 – 1968 के दौरान केंद्र सरकार के मंत्रालयों के लिए आवश्यक कार्यालय स्थान की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए किया गया था।
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की लागत कितनी होगी (How much will Central Vista Project cost)
इस पूरे सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर लगभग 20,000 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इसमें से करीब 1,000 करोड़ रुपये नई संसद के निर्माण में खर्च किए जाएंगे।
FAQ सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट क्या है (Central Vista Project In Hindi)
u003cstrongu003eQ. सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट किस शहर में है?u003c/strongu003e
u003cstrongu003eAns.u003c/strongu003e सेंट्रल विस्टा दिल्ली में 3.2 किलोमीटर में फैला क्षेत्र है, जिसमें भारत सरकार के भवन जैसे राष्ट्रपति भवन, संसद भवन, नार्थ और साउथ ब्लॉक, इंडिया गेट, राष्ट्रीय अभिलेखागार (नेशनल आर्काइव्ज) आदि इमारतें शामिल हैं। इन सभी प्रतिष्ठित इमारतों का निर्माण 1931 से पहले किया गया था, जिस वर्ष नई राजधानी का उद्घाटन किया गया था।
u003cstrongu003eQ. सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के आर्किटेक्ट कौन हैं?u003c/strongu003e
u003cstrongu003eAns.u003c/strongu003e बिमल पटेल। गुजरात (अहमदाबाद), भारत के निवासी बिमल पटेल, सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना (नई दिल्ली) के मुख्य वास्तुकार (आर्किटेक्ट) हैं। सेंट्रल विस्टा, नई दिल्ली के रायसीना हिल के पास स्थित भारत का प्रशासनिक तंत्रिका केंद्र।
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