अटल सेतु ब्रिज की संपूर्ण जानकारी हिंदी में: मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक, जिसे अटल सेतु पुल भी कहा जाता है वह मुंबई में स्थित है, अटल सेतु मार्ग का मानचित्र, निर्माण कंपनी, पुल की लंबाई, विकिपीडिया लिंक और अटल सेतु से संबंधित समस्त जानकारी इस आर्टिकल में उपलब्ध है। (Mumbai Trans Harbour Link, Atal Setu bridge Mumbai, Atal Setu route Map, construction company, length, wikipedia link)
मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (अटल सेतु) ब्रिज, मुंबई (Atal Setu Bridge in Hindi): पीएम नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र ( मुंबई) में 12 जनवरी 2024 को भारत के सबसे लंबा पुल का उद्घाटन किया। इस अवसर पर अटल बिहारी वाजपेयी सेवारी-न्हावा शेवा अटल सेतु का निरीक्षण किया। खास बात यह है कि अटल सेतु भारत का सबसे लंबा पुल है और देश का सबसे लंबा समुद्री पुल भी है। यह मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे और नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को तेज़ कनेक्टिविटी प्रदान करेगा और मुंबई से पुणे, गोवा और दक्षिण भारत की यात्रा के समय को भी कम करेगा।
क्या है अटल सेतु (ब्रिज), मुंबई (What is Atal Setu Bridge Mumbai in Hindi)
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अटल सेतु, मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (MTHL) का उद्घाटन किया। अटल बिहारी वाजपेयी सेवरी-न्हावा शेवा अटल सेतु लगभग ₹17,840 करोड़ की लागत से बनाया गया है। यह भारत का सबसे लंबा पुल है और देश का सबसे लंबा समुद्री पुल भी है। इसके बाद में शुक्रवार 12 जनवरी शाम को, पीएम मोदी ने महाराष्ट्र की अपनी यात्रा के दौरान ₹30,500 करोड़ से अधिक की कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया।
मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक पुल (Mumbai Trans Harbour Link Bridge)
मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक, जिसे आधिकारिक तौर पर अटल बिहारी वाजपेयी सेवरी-न्हावा शेवा अटल सेतु नाम दिया गया है, एक 21.8 किमी 6-लेन एक्सेस-नियंत्रित एलिवेटेड रोड ब्रिज है, जो मुंबई को इसके उपग्रह शहर नवी मुंबई-रायगढ़ से जोड़ता है। यह भारत का सबसे लंबा समुद्री पुल और दुनिया का 12वां सबसे लंबा समुद्री पुल है।
नाम | मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक ब्रिज |
पुल का आधिकारिक नाम | अटल बिहारी वाजपेयी सेवरी-न्हावा शेवा अटल सेतु (Atal Bihari Vajpayee Sewri–Nhava Sheva Atal Setu) |
कुल लंबाई | 21,800 मीटर |
सबसे लंबा विस्तार | 180 मीटर |
उद्घाटन | 12 जनवरी 2024 |
अटल सेतु निर्माण प्रारंभ | 24 अप्रैल 2018 |
उद्घाटन किया | पीएम मोदी |
निर्माण लागत | ₹17,843 करोड़ (US$2.2 बिलियन) |
टोल | ₹ 200 (प्रस्थान यात्रा); ₹ 375 (आगमन यात्रा) |
लोकेशन | मुंबई मेट्रोपोलिटन एरिया |
पीएम मोदी ने किया अटल सेतु का उद्घाटन (PM Modi inaugurates Atal Setu)
12 जनवरी 2024 को अटल सेतु का उद्घाटन, तथा नवी मुंबई में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने के बाद, पीएम मोदी ने कहा, “आज का दिन मुंबई और महाराष्ट्र के साथ-साथ ‘विकसित भारत’ के संकल्प के लिए भी एक ऐतिहासिक दिन है। आज देश को उनमें से एक अटल सेतु मिला है। अटल सेतु न्हावा शेवा सी लिंक ” दुनिया का सबसे लंबा समुद्री पुल।” इसकी आधारशिला दिसंबर 2016 में रखी गई थी।
अटल सेतु का महत्व (Significance of Atal Setu)
अटल सेतु का महत्व – मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक – समुद्र पर बना भारत का सबसे लंबा पुल है और इस पर प्रतिदिन 70,000 से अधिक वाहनों की आवाजाही होने की उम्मीद है। सरकार के अनुसार, यह परियोजना शहरी परिवहन बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी को मजबूत करके नागरिकों के लिए आवागमन को सरल करके समय को बचाना भी है।
भारत के सबसे लंबे समुद्री पुल अटल सेतु का उद्घाटन 12 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई में किया था। यह पुल मुंबई को नवी मुंबई से जोड़ता है, जिससे दोनों शहरों के बीच यात्रा का समय काफी कम हो जाता है।
मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक 21.8 किमी तक फैला है, जिसे आधिकारिक तौर पर अटल बिहारी वाजपेयी सेवरी-न्हावा शेवा अटल सेतु नाम दिया गया है। यह एक छह लेन वाला पुल है जिसमें समुद्र के ऊपर 16.5 किमी और जमीन पर अतिरिक्त 5.5 किमी का विस्तार शामिल है।
अटल सेतु कितना लम्बा है (How long is Atal Setu)
मुंबई स्थितअटल सेतु लगभग 21.8 किमी लंबा छह लेन वाला पुल है जिसकी लंबाई समुद्र पर लगभग 16.5 किमी और जमीन पर लगभग 5.5 किमी है। महाराष्ट्र, मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक का निर्माण कुल ₹17,840 करोड़ से अधिक की लागत पर किया गया है।
अटल सेतु किस कंपनी ने बनाया है (Which company made Atal Setu)
मुंबई स्थित पुल को कैनेडियन कंसल्टेंट, मैकलेनी कंसल्टिंग सर्विसेज लिमिटेड (McElhanney Consulting Services Ltd.) (पूर्व में इन्फिनिटी इंजीनियरिंग लिमिटेड) द्वारा डिजाइन किया गया था। पुल का निर्माण सीमा सड़क संगठन, इरकॉन, इन्फिनिटी और एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया गया है।आईआईटी नई दिल्ली ने भी इस पुल के डिजाइन को मंजूरी दी है।
अटल सेतु (मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक) का इतिहास (History of Atal Setu)
1990 के दशक में, मुंबई मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र के उज्ज्वल भविष्य को ध्यान में रखते हुए कई विकल्पों पर विचार किया गया। मुंबई मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र विकास प्राधिकरण (MMRDA ) ने मुंबई में बढ़ते यातायात और भीड़भाड़ और उनके प्रत्यक्ष परिणामों के रूप में दुर्घटनाओं को कैसे कम किया जाए, इस पर अध्ययन शुरू किया। वर्तमान में ठाणे क्रीक पर मुंबई और नवी मुंबई को जोड़ने वाले छह पुल हैं, लेकिन, वे भविष्य के यातायात को संभालने के लिए बहुत संकीर्ण और पुराने हो चुके हैं।
परिणामस्वरूप, एक नए आधुनिक पुल की आवश्यकता महसूस हुई। पुराने ब्रिज अपनी सीमा से परे यातायात ले जा रहे थे, जिससे दोनों शहरों के बीच आवागमन का समय भी बढ़ रहा था । इसलिए, एमएमआरडीए ने दोनों शहरों के बीच एक व्यापक लिंक बनाने की योजना बनाई ताकि अधिक यातायात को संभाला जा सके और यात्रा को अधिक आसान, तेज, सुरक्षित और परेशानी मुक्त बनाया जा सके। प्रस्ताव 2012 में विचार के लिए महाराष्ट्र सरकार को भेजा गया था।
2015 में, इस परियोजना को भारत सरकार और सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) द्वारा अनुमोदित किया गया था। इसलिए, परियोजना के निर्माण की आधारशिला 24 दिसंबर 2016 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रखी गई थी। शुरुआत में, इसके 2021 तक पूरा होने की उम्मीद थी। फिर, एमएमआरडीए ने नवंबर 2017 में परियोजना के लिए अनुबंध दिए, और निर्माण अप्रैल 2018 में शुरू हुआ, जिसे 2022 तक 4.5 वर्षों के भीतर पूरा किया जाना था।
हालाँकि, COVID-19 महामारी के कारण अटल सेतु मुंबई के निर्माण में लगभग 8 महीने की देरी हुई, और अगस्त 2023 तक पूरा होने की उम्मीद थी, फिर दिसंबर 2023 तक इसकी समयसीमा को बढ़ाया गया। अंततः मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक ब्रिज का निर्माण दिसंबर 2023 में पूरा हुआ, और इसका उद्घाटन प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 जनवरी 2024 को किया।
मुंबई का अटल सेतु चर्चा में क्यों?
भारत के प्रधानमंत्री मोदी द्वारा मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (Mumbai Trans Harbour Link- MTHL) का उद्घाटन करने के बाद पूर्ण रूप से तैयार है, जिसे आधिकारिक तौर पर अटल सेतु न्हावा शेवा सी लिंक (Atal Setu Nhava Sheva Sea Link) के रूप में नई पहचान मिली है, यह 22 किमी. का एक विशाल समुद्री पुल है। इस मेगा-इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट का लक्ष्य सेवरी और चिरले के बीच यात्रा में क्रांतिकारी बदलाव लाना है, जिससे यात्रा क समय में उल्लेखनीय कमी आएगी।
मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (MTHL) की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं (What are the main features of Atal Setu)
• मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक यानी अटल सेतु भारत का सबसे लंबा पुल है और साथ ही सबसे लंबा समुद्री पुल भी है।
• अटल सेतु लगभग 21.8 किमी. लंबा छह लेन वाला ब्रिज है, जिसकी लंबाई समुद्र के ऊपर लगभग 16.5 किमी. और ज़मीन पर लगभग 5.5 किमी है।
• अटल सेतु न्हावा शेवा सी लिंक पुल मुंबई के सेवरी से शुरू होता है और रायगढ़ ज़िले के उरण तालुका में न्हावा शेवा पर समाप्त होता है।
• इस का नाम भारत के पूर्व प्रधानमंत्रीऔर भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेता अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखा गया है।
• परियोजना में रिवर्स सर्कुलेशन ड्रिलिंग पद्धति का उपयोग किया गया जो शोर के स्तर को कम करने में मदद करता है और समुद्री क्षेत्रों में निर्माण को गति देने में मदद करता है।
• परियोजना के दौरान फ्लेमिंगो (राजहंस) जैसे प्रवासी पक्षियों पर शोर के संभावित प्रभाव को कम करने के लिए उपयोग किए गए निर्माण उपकरणों में साइलेंसर लगाए गए थे।
• सरकार ने इस समुंद्री पुल पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए कोहरे का पता लगाने के लिए लगभग 400 कैमरे और थर्मल कैमरे लगाए हैं।
• इस इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (JICA) द्वारा फाइनेंस किया गया है, जो कुल परियोजना लागत का 80% हिस्सा कवर करता है, जबकि शेष हिस्सा राज्य और केंद्र सरकारों के बीच साझा किया गया है।
MTHL के निर्माण का उद्देश्य (Objective)
• सी-लिंक का प्राथमिक उद्देश्य मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे और नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को शीघ्र कनेक्टिविटी प्रदान करना और मुंबई से पुणे, गोवा और दक्षिण भारत तक यात्रा के समय को कम करना है।
• साथ ही, इसका उद्देश्य मुंबई बंदरगाह और जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह के बीच कनेक्टिविटी बढ़ाना और समय की बचत करना है।
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