राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का जीवन परिचय हिंदी में। इस आर्टिकल में (Draupadi Murmu Biography in Hindi) द्रौपदी मुर्मू की जीवनी, जाति, उम्र, परिवार, पति, बेटी, बेटा, शादी, योग्यता, शिक्षा, वेतन, जन्म तिथि, पेशा, राजनीति, पार्टी, करियर, आय, धर्म, पुरस्कार, साक्षात्कार, झारखंड की पूर्व राज्यपाल, अध्यक्ष, राजनीतिक दल, राजनीति कैरियर, भाषण, आदि के बारे में इस आर्टिकल में विस्तार से बताया गया हैं। (Read Draupadi Murmu’s Biography and learn about her family, daughter, religion, education, family, religion, previous offices, and other details.)
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द्रौपदी मुर्मू देश की 15वीं राष्ट्रपति बन गई हैं। वह भारत की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति बनी हैं। साल 2022 में हुए राष्ट्रपति के चुनावों में उन्होंने विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को हराया हैं। भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने 18 जुलाई 2022 को होने वाले भारत के राष्ट्रपति चुनाव के लिए झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को अपने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में चुना था, जो आदिवासी समुदाय से हैं।
इन चुनावों में उनका मुकाबला विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा से था। लेकिन इन चुनावों में द्रौपदी मुर्मू ने बड़े अंतर से राष्ट्रपति चुनाव जीता और भारत की राष्ट्रपति चुनी गईं। और क्योंकि बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के पास अपने उम्मीदवार को जीत दिलाने के लिए पर्याप्त बहुमत और संख्या थी। इसीलिए द्रौपदी मुर्मू ने भारत का राष्ट्रपति चुनाव आसानी से जीत लिया।
एनडीए ने द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में नामित किया था। वह, एक आदिवासी महिला नेता, राष्ट्रपति पद की दौड़ के लिए मोदी सरकार की पहली पसंद थीं। जुलाई में हुए राष्ट्रपति चुनाव के लिए संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार यशवंत सिन्हा थे, जो पूर्व केंद्रीय मंत्री थे। निर्वाचित राष्ट्रपति, 65 वर्षीय मुर्मू भारत की राष्ट्रपति बनने वाली पहली आदिवासी महिला हैं। एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने विपक्ष के कैंडिडेट यशवंत सिन्हा के खिलाफ बड़ी जीत हासिल की है।
आइए जानते हैं कौन हैं द्रौपदी मुर्मू और क्या है भारत की दूसरी महिला राष्ट्रपति और देश की पहली आदिवासी महिला के सत्ता के सर्वोच्च पदों में से एक ‘राष्ट्रपति’ बनने की उनकी सफलता की कहानी।
भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की जीवनी (President Draupadi Murmu Biography In Hindi)
20 जून, 1958 को ओडिशा में एक साधारण संथाल आदिवासी परिवार में जन्मी मुर्मू ने 1997 में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। वह 1997 में रायरंगपुर में जिला बोर्ड की पार्षद चुनी गईं। राजनीति में आने से पहले, मुर्मू ने श्री अरबिंदो इंटीग्रल एजुकेशन एंड रिसर्च, रायरंगपुर में मानद सहायक शिक्षक और सिंचाई विभाग में कनिष्ठ सहायक के रूप में काम किया।
वह ओडिशा में दो बार विधायक रही हैं और नवीन पटनायक सरकार में मंत्री के रूप में काम करने का भी मौका मिला, जब भाजपा बीजू जनता दल के साथ गठबंधन में थी। मुर्मू को ओडिशा विधानसभा द्वारा सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए नीलकंठ पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।
द्रौपदी मुर्मू देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद के लिए चुने जानें वाली पहली महिला आदिवासी नेता बनीं और देश की पहली आदिवासी महिला राज्यपाल होने का रिकॉर्ड भी रखती हैं। झारखंड के राज्यपाल के रूप में उनका 6 साल से अधिक का कार्यकाल न केवल गैर-विवादास्पद रहा है, बल्कि यादगार भी रहा है।
पूरा नाम (Name) | द्रौपदी मुर्मू |
जन्म तिथि (Birth Date) | 20 जून 1958 |
आयु (Age) | 65 वर्ष |
वह प्रसिद्ध है क्योंकि (Famous For) | वह भारत की राष्ट्रपति हैं |
प्रसिद्धि के अन्य कारण (Other reasons for fame) | झारखंड की पहली महिला राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू थीं |
पेशा (Profession) | राजनीतिज्ञ / शिक्षिका |
जन्म स्थान (Birth Place) | उपरबेड़ा, मयूरभंज, उड़ीसा (ओडिशा), भारत |
गृहनगर या जिला (Hometown) | मयूरभंज |
गांव (Village) | बैदापोसी (Baidaposi) |
शिक्षा (Education ) | स्नातक (कला) |
स्कूल (School) | यूनिट II गर्ल्स हाई स्कूल, भुवनेश्वर, उड़ीसा |
कॉलेज (College) | रमा देवी महिला कॉलेज, (यूनिवर्सिटी) भुवनेश्वर, ओडिशा |
भाषाओं का ज्ञान (Languages) | हिंदी, अंग्रेजी, उड़िया |
नागरिकता(Nationality) | भारतीय |
धर्म (Religion) | हिंदू धर्म |
जाति (Caste) | अनुसूचित जनजाति |
एथ्निसिटी | संथाल, समुदाय |
राशि (Zodiac Sign) | मिथुन |
कद (Height) | • मीटर में- 1.63 मीटर • सेंटीमीटर में- 163 सेंटीमीटर • फीट और इंच- 5′ 4″ |
वजन (Weight ) | 74 किग्रा. |
आँखों का रंग (Eye Color) | काला |
बालों का रंग( Hair Color) | काला |
वैवाहिक स्थिति (Marital Status) | विधवा |
जीवनसाथी | श्याम चरण मुर्मू (2014 में निधन) |
बच्चे | इतिश्री मुर्मु (बेटी) |
नेट वर्थ (Net Worth) | रु 9.5 लाख |
राजनीतिक जुड़ाव | भारतीय जनता पार्टी |
पिछले कार्यालय | झारखंड के राज्यपाल, मत्स्य पालन और पशु राज्य मंत्री, वाणिज्य और परिवहन राज्य मंत्री, ओडिशा विधान सभा के सदस्य |
कौन हैं द्रौपदी मुर्मू: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पति, निजी जीवन, शिक्षा, परिवार (Who is Draupadi Murmu)
द्रौपदी मुर्मू एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं जो 25 जुलाई 2022 से भारत के 15वें और वर्तमान राष्ट्रपति के रूप में कार्यरत हैं। वह भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं। वह भारत के राष्ट्रपति के रूप में सेवा करने वाली ओडिशा की पहली व्यक्ति भी हैं। द्रौपदी मुर्मू एक अनुसूचित जनजाति से संबंधित दूसरी व्यक्ति हैं, जिन्हें भारत के राष्ट्रपति पद के लिए चुना गया है।
वह देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति हैं। द्रौपदी मुर्मू, एक आदिवासी महिला है; वह संथाल जनजाति से ताल्लुक रखती हैं। झारखंड की पहली महिला राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू थीं। झारखंड राज्य की एक पूर्व राज्यपाल, उन्होंने उन कानूनों को पीछे धकेल दिया था जो आदिवासी समुदायों के लिए अनुचित थे।
द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को ओडिशा के मयूरभंज जिले के उपरबेड़ा गांव में एक संताली आदिवासी परिवार में बिरंची नारायण टुडू के घर हुआ था। उनके पिता और दादा दोनों पंचायती राज व्यवस्था के तहत ग्राम प्रधान थे।
द्रौपदी मुर्मू ने एक बैंकर श्याम चरण मुर्मू से शादी की थी, जिनकी 2014 में मृत्यु हो गई। दंपति के दो बेटे थे, दोनों का निधन हो गया, और एक बेटी इतिश्री मुर्मू जीवित है और अपनी माँ का एकमात्र सहारा है। उनकी बेटी इतिश्री ओडिशा के एक बैंक में काम करती हैं।
उन्होंने राज्य की राजनीति में प्रवेश करने से पहले एक स्कूल शिक्षक के रूप में शुरुआत की। मुर्मू ने श्री अरबिंदो इंटीग्रल एजुकेशन एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट, रायरंगपुर में सहायक प्रोफेसर के रूप में और ओडिशा सरकार के सिंचाई विभाग में एक जूनियर सहायक के रूप में काम किया है।
उन्होंने पहले 2015 से 2021 तक झारखंड के नौवें राज्यपाल के रूप में कार्य किया। ओडिशा राज्य से आने वाले, मुर्मू पांच साल का कार्यकाल पूरा करने वाले झारखंड के पहले राज्यपाल हैं, और अनुसूचित जनजाति से संबंधित पहले व्यक्ति है जिनको भारत के राष्ट्रपति का पद के लिए नामित किया गया है।
वह भारत की पहली आदिवासी राष्ट्रपति और देश के इतिहास में दूसरी महिला राष्ट्रपति बन गई हैं।। वह झारखंड की पहली महिला राज्यपाल थीं। वह पहली ओडिया महिला और आदिवासी नेता भी थीं, जिन्हें किसी भारतीय राज्य का राज्यपाल नामित किया गया था और उन्होंने अपने कार्यालय की पूरी अवधि के लिए सेवा की।
ओडिशा राज्य में राजनीति में आने से पहले उन्होंने कुछ समय तक शिक्षिका के रूप में भी कार्य किया।
द्रौपदी मुर्मू के परिवार के सदस्यों का परिचय / इतिहास (Introduction of Draupadi Murmu’s family members)
द्रौपदी मुर्मू का परिवार | सदस्यों का नाम |
पिता का नाम (Father’s Name) | बिरंचि नारायण टुडु (Late Biranchi Narayan Tudu) |
माता का नाम (Mother’s Name) | – ज्ञात नहीं है |
पति का नाम (Husband) | श्याम चरण मुर्मु (Late Shyam Charan Murmu) |
बच्चे (Children ) | 3 बच्चे (दो बेटे और एक बेटी) |
बेटे (Sons) | 2 बेटे थे, जो अब जीवित नहीं हैं • बड़े बेटे का नाम लक्ष्मण मुर्मू था • छोटे बेटे का नाम बिरंची मुर्मू था |
बेटी का नाम (Daughter’s name) | इतिश्री मुर्मु (Itishri Murmu) |
दामाद (Son in law) | गणेश चंद्र हेम्ब्रम (Ganesh Chandra Hembram) |
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का व्यक्तिगत जीवन (Biography: Droupadi Murmu Personal life)
भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को ओडिशा के मयूरभंज जिले के बैदापोसी गांव में एक संताली आदिवासी परिवार में बिरंची नारायण टुडू के घर हुआ था। उनके पिता और दादा दोनों पंचायती राज व्यवस्था के तहत ग्राम प्रधान के पद पर थे। उनके पिता, बिरंची नारायण टुडू, पेशे से एक किसान थे, जो उनके नाम से जाने जाते थे, और अपने समुदाय में एक बहुत सम्मानित व्यक्ति थे।
द्रौपदी मुर्मू ने श्याम चरण मुर्मू से शादी की। दंपति के दो बेटे थे, दोनों की मृत्यु हो गई, और उनकी एक बेटी हैं। जिसका नाम इतिश्री मुर्मू है, अब वह अपने परिवार की इकलौती जीवित संतान है।
देश के सबसे दूरस्थ और अविकसित जिलों में से एक में गरीबी से जूझ रहे एक आदिवासी परिवार में जन्म लेने के बाद, उनका बचपन चुनौतियों से भरा था। मुर्मू कई साल पहले अपने गांव से करीब 20 किमी दूर रायरंगपुर नगर निगम के शहर में शिफ्ट हो गई थी।
उन्होंने अपने जीवन में कई व्यक्तिगत त्रासदियों और असफलताओं का भी सामना किया हैं। द्रौपदी मुर्मू ने एक बैंक अधिकारी श्याम चरण मुर्मू से शादी की थी, जिनका 2014 में निधन हो गया। विवाह के बाद उनकी तीन बच्चे हुए, जिनमें दो पुत्र और एक पुत्री शामिल थी।
द्रौपदी मुर्मू ने अपने जीवन में कई संघर्षों का सामना किया है। वह दो लड़कों की मां थीं, परन्तु उन्हें जीवन में सबसे बड़ा तब हुआ जब उन दोनों का देहांत हो गया। जिनमें से एक का नाम लक्ष्मण मुर्मू था और साल 2012-13 में उनका निधन हो गया। साल 2009 में, भी उन्होंने अपने दूसरे बेटे को खो दिया। अपने लड़कों की असमय मौत के बाद उन्हें अवसाद से जूझना पड़ा था, परन्तु बहुत जल्द उन्होंने इस पर काबू पा लिया और समाज सेवा में अपने आपको समर्पित कर दिया।
द्रौपदी मुर्मू के पति (Draupadi Murmu’s husband Name)
द्रौपदी मुर्मू के पति का नाम श्याम चरण मुर्मू है। मुर्मू को अपने निजी जीवन में कई त्रासदियों का सामना करना पड़ा है। उनके पति श्याम चरण मुर्मू का 2014 में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था।
द्रौपदी मुर्मू की बेटी (Draupadi Murmu’s daughter)
उनकी बेटी इतिश्री मुर्मू की शादी हो चुकी है और वह भुवनेश्वर में बस गई हैं, जहां वह यूको बैंक में काम करती हैं। इतिश्री के पति गणेश हेम्ब्रम रग्बी खिलाड़ी हैं और युवा जोड़े की एक छोटी बेटी है।
राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू जी का शुरुआती जीवन (Draupadi Murmu Biography in Hindi: Early life of Draupadi Murmu)
ओडिशा के मयूरभंज जिले के रहने वाले और एक आदिवासी समुदाय से आने वाले मुर्मू ने एक शिक्षक के रूप में शुरुआत की और फिर ओडिशा की राजनीति में प्रवेश किया। वह पहली ओडिया महिला और आदिवासी नेता भी थीं जिन्हें किसी भारतीय राज्य का राज्यपाल नामित किया गया था। 2015 में मुर्मू ने झारखंड की पहली महिला राज्यपाल के रूप में शपथ ली थी।
सभी बाधाओं को पार करते हुए, उन्होंने भुवनेश्वर के रामादेवी महिला कॉलेज से कला में स्नातक की उपाधि प्राप्त की और ओडिशा सरकार में सिंचाई और बिजली विभाग में एक कनिष्ठ सहायक के रूप में कार्य किया।
इसके अलावा, ओडिशा विधान सभा ने उन्हें वर्ष 2007 के सर्वश्रेष्ठ विधायक के पुरस्कार से सम्मानित किया।
द्रौपदी मुर्मू द्वारा व्यक्तिगत त्रासदियों से निपटना (Coping with personal tragedies)
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ओडिशा के एक आदिवासी बहुल जिले मयूरभंज से देश के शीर्ष संवैधानिक पद तक की यात्रा के दौरान कई व्यक्तिगत नुकसान हुए हैं। वर्ष 2009 से 2015 के बीच महज छह साल में मुर्मू ने अपने पति, दो बेटों, मां और भाई को खो दिया। उसके तीन बच्चे थे – दो बेटे और एक बेटी। उनके एक बेटे की 2009 में और दूसरे बेटे की तीन साल बाद सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। इससे पहले, उन्होंने कार्डियक अरेस्ट के कारण अपने पति श्याम चरण मुर्मू को खो दिया था। उनकी बेटी इतिश्री जीवित है और ओडिशा के एक बैंक में काम करती हैं।
वहीं अगर उनके साथ हुए पहले दुख की बात करें तो उन्हें पहला झटका शादी के कुछ दिनों बाद ही लगा। जब उनका पहला बच्चा भी 3 साल की उम्र में उन्हें छोड़ गया था। यह घटना साल 1984 की है, मुर्मू की पहली संतान एक बेटी थी। अपने जीवन में तमाम दुखों का सामना करने के बावजूद द्रौपदी मुर्मू ने हार नहीं मानी।
रिपोर्टों के अनुसार, लगभग 13 साल पहले की बात है जब वह पहली बार माउंट आबू में ब्रह्म कुमारी संस्थान से जुड़ी थीं। उस समय के दौरान मुर्मू द्वारा ब्रह्म कुमारियों की ध्यान तकनीकों का एक गहन अभ्यास किया गया, जिसने उन्हें अपने व्यक्तिगत नुकसान से उबरने में मदद की ।
द्रौपदी मुर्मू की शिक्षा: जानिए कितनी पढ़ी-लिखी हैं – भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu Education Background)
उन्होंने अपनी शुरुआती व प्रारंभिक शिक्षा ओडिशा के एक स्थानीय विद्यालय में ही पूरी की है और बाद में निजी स्कूल (Unit II Girl’s High School) से प्राप्त की। उसके बाद द्रोपदी मुर्मू ने भुवनेश्वर, ओडिशा में स्थित रमा देवी महिला कॉलेज, में दाखिला ले लिया जहाँ से उन्होंने कला में ग्रेजुशन की डिग्री प्राप्त की।
मयूरभंज जिले की कुसुमी तहसील के आदिवासी बहुल उपरबेड़ा गांव की रहने वाली द्रोपदी मुर्मू ने 1974 में यूनिट II गर्ल्स हाई स्कूल से मैट्रिक (क्लास 10) की परीक्षा को पास किया था। उन्होंने रमा देवी महिला कॉलेज में उसकी उच्च शिक्षा में शामिल होने से पहले इस विद्यालय में तीन साल (कक्षा 8, 9 और 10) तक पढ़ाई की।
वह एक छात्रा के रूप में काफी मिलनसार थीं और सभी शिक्षकों और छात्रों के साथ उनके बहुत अच्छे संबंध थे। एक अध्ययनशील लड़की के रूप में, मुर्मू अपनी मैट्रिक की परीक्षा के बाद नहीं रुके। उन्होंने आगे बढ़कर भुवनेश्वर के रामादेवी महिला कॉलेज में प्रवेश लिया, जहाँ उन्होंने IA और BA दोनों की पढ़ाई पूरी की।
रमा देवी कॉलेज से स्नातक होने के बाद, वह 1979 से 1983 तक ओडिशा सरकार में सिंचाई और बिजली विभाग में एक कनिष्ठ सहायक के रूप में शामिल हुईं। 1994 में, वह श्री अरबिंदो इंटीग्रल एजुकेशन सेंटर, रायरंगपुर में एक शिक्षिका के रूप में शामिल हुईं और 1997 तक संस्थान में सेवा करती रहीं। वह उसी वर्ष भाजपा में शामिल हो गईं।
(Unit II Girl’s High School) स्कूल के शिक्षकों ने कहा, “यह बहुत सम्मान की बात है, और हमें इस बात पर गर्व है कि इस स्कूल की पूर्व छात्रा द्रौपदी मुर्मू भारत की अगली राष्ट्रपति बनने जा रही है”। राष्ट्रपति बनने से पहले, वह झारखंड राज्य की राज्यपाल थीं।
द्रौपदी मुर्मू शैक्षिक योग्यता
• ग्रेजुएट (स्नातक) (B.A. Pass – Bachelor of Arts)
• कॉलेज और विश्वविद्यालय: रमा देवी महिला कॉलेज / यूनिवर्सिटी – Utkal University, Bhubaneswar.
कैरियर (Career: Draupadi Murmu Biography In Hindi)
पिछला कार्यालय:
• झारखंड के राज्यपाल (2015-2021),
• ओडिशा विधान सभा के सदस्य (2000-2009)
टीचिंग करियर (Teaching career)
द्रौपदी मुर्मू ने उड़ीसा राज्य की राजनीति में प्रवेश करने से पहले एक स्कूल शिक्षक के रूप में शुरुआत की। उन्होंने श्री अरबिंदो इंटीग्रल एजुकेशन एंड रिसर्च, रायरंगपुर में सहायक प्रोफेसर और ओडिशा सरकार के सिंचाई विभाग में एक जूनियर सहायक के रूप में काम किया हैं।
राजनीतिक कैरियर (Droupadi Murmu Political Career)
द्रौपदी मुर्मू साल 1997 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए और रायरंगपुर नगर पंचायत की पार्षद चुने गए। साथ ही उन्होंने भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जनजाति मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया है। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत रायरंगपुर एनएसी के उपाध्यक्ष के रूप में की थी।
उनके पास ओडिशा सरकार में परिवहन, वाणिज्य, मत्स्य पालन और पशुपालन जैसे मंत्रालयों को संभालने का विविध प्रशासनिक अनुभव है।
ओडिशा में भारतीय जनता पार्टी और बीजू जनता दल गठबंधन सरकार के दौरान, वह 6 मार्च, 2000 से 6 अगस्त, 2002 तक वाणिज्य और परिवहन के लिए स्वतंत्र प्रभार और 6 अगस्त, 2002 से 16,मई 2004 तक मत्स्य पालन और पशु संसाधन विकास राज्य मंत्री थीं। अतः वह ओडिशा की पूर्व मंत्री और 2000 और 2004 में रायरंगपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक भी रहीं हैं।
उन्हें 2007 में ओडिशा विधानसभा द्वारा सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए नीलकंठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
द्रौपदी मुर्मू की उपलब्धियाँ (Draupadi Murmu’s life history)
वर्ष | राजनीतिक यात्रा |
1997 | वह पार्षद के रूप में जीतीं और उपाध्यक्ष बनीं रायरंगपुर। |
1997 | उपाध्यक्ष राज्य एस.टी. मोर्चा, भाजपा। |
2002-2002 | मत्स्य पालन विभाग ओडिशा सरकार। |
2002-2004 | पशुपालन विभाग ओडिशा सरकार। |
2000-2004 | विधान सभा के सदस्य, रायरंगपुर, ओडिशा और राज्य मंत्री बनी, (स्वतंत्र प्रभार), ओडिशा सरकार, परिवहन और वाणिज्य विभाग। |
2002-2009 | राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य एस.टी. मोर्चा, भाजपा। |
2004-2009 | विधान सभा के सदस्य, रायरंगपुर, उड़ीसा। |
2006-2009 | प्रदेश अध्यक्ष एस.टी. मोर्चा, भाजपा। |
2007 | ओडिशा की विधान सभा द्वारा वर्ष 2007 के सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए “नीलकंठ पुरस्कार” के रूप में सम्मानित किया गया। |
2010 | जिलाध्यक्ष, मयूरभंज (पूर्व), भाजपा। |
2013 | पुन: जिला अध्यक्ष, मयूरभंज (पूर्व), भाजपा के रूप में चुने गए, 10 अप्रैल 2015 तक। |
2013 | राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य एस.टी. मोर्चा, भाजपा 10 अप्रैल 2015 तक। |
2015- 2021 | उन्होंने 2015 से 2021 तक झारखंड के नौवें राज्यपाल के रूप में कार्य किया। |
2022- 2027 | भारत की राष्ट्रपति का पद संभालने वाली दूसरी महिला |
Achievements of Draupadi Murmu
(Year) | (Political Career) |
1997 | Won As Councilor and became Vice-Chairperson Rairangpur |
1997 | Vice-President State S.T. Morcha, BJP. |
2002-2002 | Department of Fisheries Govt. of Odhisa. |
2002-2004 | Animal Husbandry Department Govt. of Odhisa. |
2000-2004 | Member of Legislative Assembly, Rairangpur, Odisha and became Minister of State (Independent Charge), Govt. of Odisha, Department of Transport and Commerce. |
2002-2009 | National Executive Member S.T. Morcha, B.J.P. |
2004-2009 | Member of Legislative Assembly, Rairangpur, Odisha. |
2006-2009 | State President S.T. Morcha, B.J.P. |
2007 | Awarded as “Nilakantha Award” for The Best MLA of the year 2007 by Legislative Assembly of Odisha. |
2010 | District President, Mayurbhanj (East), B.J.P. |
2013 | Again Elected as District President, Mayurbhanj (East), B.J.P. till April, 10th 2015. |
2013 | National Executive Member S.T. Morcha, B.J.P. till April,10th, 2015. |
2015- 2021 | She served as the ninth Governor of Jharkhand from 2015 to 2021. |
2022- 2027 | The second woman to hold the post of President of India |
ओडिशा में भाजपा और बीजू जनता दल गठबंधन सरकार के दौरान, द्रौपदी मुर्मू ने निम्नलिखित पदों पर कार्य किया।
संभाले गए पद | कार्यकाल |
वाणिज्य और परिवहन राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार के साथ | 6 मार्च 2000 से 6 अगस्त 2000 |
मत्स्य पालन और पशु संसाधन विकास मंत्री | 6 अगस्त 2002 से 16 मई 2004 तक |
ओडिशा के पूर्व मंत्री | 2000 |
रायरंगपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक | 2004 |
द्रौपदी मुर्मू को प्राप्त पुरस्कार / अवॉर्ड (Award/honors received by Draupadi Murmu)
ओडिशा विधान सभा ने उन्हें वर्ष 2007 के सर्वश्रेष्ठ विधायक के पुरस्कार ‘नीलकंठ पुरस्कार’ से सम्मानित किया।
राज्यपाल के रूप में द्रौपदी मुर्मू की भूमिका (Role of Draupadi Murmu as Governor)
वह भारत के झारखंड राज्य की पहली महिला राज्यपाल थीं। साथ ही वह भारतीय राज्य के राज्यपाल के रूप में नियुक्त होने वाली ओडिशा की पहली महिला आदिवासी नेता थीं। उनकी मेहनत और लगन का ही परिणाम था कि उन्हें सभी दलों का भरपूर सहयोग मिला। झारखंड के 9वें राज्यपाल के रूप में उनका कार्यकाल वर्ष 18 मई 2015 – 12 जुलाई 2021 तक का था।
द्रौपदी मुर्मू ने 18 मई 2015 को झारखंड के राज्यपाल के रूप में शपथ ली और झारखंड की पहली महिला राज्यपाल बनीं। वह भारतीय राज्य के राज्यपाल के रूप में नियुक्त होने वाली ओडिशा की पहली महिला आदिवासी नेता थीं।
2017 में झारखंड की राज्यपाल के रूप में द्रौपदी मुर्मू ने छोटानागपुर टेनेंसी एक्ट, 1908 और संथाल परगना टेनेंसी एक्ट, 1949 में संशोधन की मांग करने वाले झारखंड विधान सभा द्वारा अनुमोदित बिल को मंजूरी देने से इनकार कर दिया।
विधेयक में आदिवासियों को उनकी भूमि का व्यावसायिक उपयोग करने का अधिकार देने की मांग की गई, साथ ही यह भी सुनिश्चित किया गया कि भूमि का स्वामित्व नहीं बदलता है।
द्रौपदी मुर्मू ने भारत में राष्ट्रपति चुनाव जीता (2022) (Draupadi Murmu Won The Presidential Election in India)
भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू, जो आदिवासी समुदाय से हैं, को 18 जुलाई 2022 को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपने उम्मीदवार के रूप में चुना था। द्रौपदी मुर्मू भारत के राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का सामना कर रही थीं जो पूर्व में वित्त और विदेश मामलों के विभाग संभाल चुके हैं।
इंडिया के राष्ट्रपति चुनाव के लिए सोमवार 18 जुलाई 2022 को संसद भवन और राज्य विधानसभाओं के 30 केंद्रों सहित 31 स्थानों पर मतदान हुआ था। चुनाव आयोग के अनुसार, चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से सफलतापूर्वक संपन्न हुआ था। द्रौपदी मुर्मू ने 21 जुलाई 2022 को हुई मतगणना में स्पष्ट बहुमत हासिल कर यह चुनाव जीता था। इस तरह द्रौपदी मुर्मू भारत की 15वीं राष्ट्रपति चुनी गईं। क्योंकि बीजेपी के पास अपने उम्मीदवार को जिताने के लिए पर्याप्त बहुमत और संख्या थी। हालांकि उनको को शुरू से ही भारत के राष्ट्रपति के रूप में चुने जाने का प्रबल दावेदार माना जा रहा था।
द्रौपदी मुर्मू को मिला कई विपक्षी दलों का समर्थन
एनडीए कैंडिडेट द्रौपदी मुर्मू को बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी), बीजू जनता दल (बीजद), तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी), युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी), अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके), जनता दल (सेक्युलर) का समर्थन प्राप्त है। वहीं, शिवसेना के दोनों खेमो, शिरोमणि अकाली दल, और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) का भी समर्थन मिला।
राष्ट्रपति का चुनाव 18 जुलाई को हुआ था, और 21 जुलाई 2022 को वोटों की गिनती हुई, जिसमें एनडीए और भाजपा उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने स्पष्ट बहुमत प्राप्त किया था। इन चुनावों में एक निर्वाचक मंडल जिसमें संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य और भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य शामिल होते है, उस दिन अपना वोट डालते हैं । वोटों की गिनती 21 जुलाई को हुई थी, और भारत के 15वें नए राष्ट्रपति – 25 जुलाई 2022 को शपथ लेते हैं। हमारे देश में राष्ट्रपति को पद और गोपनीयता की शपथ भारत के मुख्य न्यायाधीश द्वारा दिलाई जाती है जो इस बार चीफ जस्टिस एन वी रमना (भारत के मुख्य न्यायाधीश) ये शपथ दिलाएंगे ।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 62(1) में कहा गया है कि “राष्ट्रपति के कार्यकाल की समाप्ति के कारण हुई रिक्ति को भरने के लिए चुनाव कार्यकाल की समाप्ति से पहले पूरा किया जाएगा।” पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 25 जुलाई को समाप्त हुआ था।
भारत के राष्ट्रपति की आधिकारिक वेबसाइट
दशकों के अंधेरे के बाद आखिरकार राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के गांव को मिली बिजली (After decades of darkness, Droupadi Murmu’s village finally gets electricity)
ओडिशा सरकार ने राष्ट्रपति चुनाव 2022 की घोषणा के उपरांत मयूरभंज जिले में एनडीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के पैतृक गांव उपरबेड़ा के एक हिस्से में विद्युतीकरण का काम शुरू कर दिया, मीडिया रिपोर्टों के सामने आने के बाद कि गांव में लोग बिजली के बिना रह रहे हैं।
हालांकि मुर्मू अब उस गांव में नहीं रहती है। वह एक नगरपालिका शहर रायरंगपुर में स्थानांतरित हो गई है, जो उपरबेड़ा के अपने पैतृक गांव डुंगुरीशाही से लगभग 20 किलोमीटर दूर है।
विशेष रूप से, कुसुमी ब्लॉक (प्रखंड) के उपरबेड़ा गांव जिसकी आबादी 3,500 है, में दो गांव बड़ासाही और डुंगुरीसाही हैं। जहां बड़ासाही पूरी तरह से विद्युतीकृत है, वहीं डूंगरसाही को अभी बिजली मिलनी बाकी है।
रिपोर्ट के अनुसार, टाटा पावर नॉर्थ ओडिशा डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (टीपीएनओडीएल) के अधिकारी और कर्मचारियों द्वारा बिजली के खंभों, केबल, कंडक्टर और ट्रांसफार्मर के साथ उपरबेड़ा पहुंचे ताकि हिस्से में बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। ये हमारे देश की एक विडंबना है कि जहां अभी भी ऐसे गांव है जहाँ बिजली का पहुंचना बाकी है।
भारत के राष्ट्रपति का वेतन: जानिए भारतीय राष्ट्रपति के वेतन, भत्ते और सेवानिवृत्ति के बाद के भत्ते के बारे में
द्रौपदी मुर्मू भारत के वर्तमान राष्ट्रपति हैं। भारत में राष्ट्रपति जिस भवन में रहते हैं जो दुनिया का सबसे बड़ा राष्ट्रपति भवन है। राष्ट्रपति भारत गणराज्य का मुखिया होता है और वह भारत का पहला नागरिक भी होता है। भारत के राष्ट्रपति भारतीय सशस्त्र बलों के कमांडर-इन-चीफ भी होते हैं।
भारत में, राष्ट्रपति का चुनाव निर्वाचक मंडल के सदस्यों द्वारा किया जाता है, जिसमें संसद के दोनों सदनों, राज्यों के केंद्र शासित प्रदेशों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य शामिल होते हैं। द्रौपदी मुर्मू भारत के 15वीं राष्ट्रपति हैं। राष्ट्रपति भवन में रहते हैं जो दुनिया का सबसे बड़ा राष्ट्रपति भवन है। भारतीय राष्ट्रपति का वेतन और भत्ते भारत की संसद द्वारा तय किए जाते हैं। राष्ट्रपति के वेतन पर एक नजर:
भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का वेतन (Salary of President of India Draupadi Murmu)
भारत के राष्ट्रपति का वेतन | |
मासिक वेतन | • ₹500,000 (US$6,600) (प्रति माह) |
वार्षिक वेतन | • ₹6,000,000 (US$79,000) (सालाना) |
भारत में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का वेतन और अन्य सुविधाएं: (The President’s (Draupadi Murmu) Salary & Other Perks)
भारत के राष्ट्रपति का वेतन रु. 5 लाख/माह। मासिक वेतन के अलावा, भारत के राष्ट्रपति को कई भत्ते भी मिलते हैं। राष्ट्रपति को अन्य भत्ते भी मिलते हैं जिनमें मुफ्त चिकित्सा, आवास और उपचार सुविधाएं (पूरे जीवन भर) शामिल हैं।यहां कुछ भत्ते दिए गए हैं:
• आवास: राष्ट्रपति भवन भारत के राष्ट्रपति का आधिकारिक निवास है। नई दिल्ली में स्थित, राष्ट्रपति भवन में 340 कमरे हैं और इसका फर्श क्षेत्र 2,00,000 वर्ग फुट है।
• सुरक्षा: भारत के राष्ट्रपति कस्टम-निर्मित ब्लैक मर्सिडीज बेंज S600 (W221) पुलमैन गार्ड के हकदार हैं। राष्ट्रपति के पास आधिकारिक यात्राओं के लिए भारी बख्तरबंद खिंचाव वाली लिमोसिन भी है।
• चिकित्सा सुविधाएं: भारत के राष्ट्रपति जीवन भर मुफ्त चिकित्सा सेवाओं के हकदार हैं।
• देश के राष्ट्रपति दो भव्य अवकाश रिट्रीट के भी हकदार हैं। इनमें से एक हैदराबाद में राष्ट्रपति निलयम है और दूसरा हिमाचल प्रदेश के शिमला में रिट्रीट बिल्डिंग है।
• आधिकारिक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति और उनकी पत्नी दुनिया में कहीं भी मुफ्त में यात्रा कर सकते हैं।
भारत के राष्ट्रपति का सेवानिवृत्ति के बाद का जीवन:
भारत के राष्ट्रपति सेवानिवृत्ति के बाद कई भत्तों के हकदार हैं। उनमें से कुछ इस प्रकार हैं:
• रु. 1.5 लाख प्रति माह पेंशन के रूप में मिलेगा।
• एक पूरी तरह से सुसज्जित किराया मुक्त बंगला (टाइप VIII) मिलेगा।
• दो फ्री लैंडलाइन और एक मोबाइल फोन की सुविधा ।
• पांच निजी स्टाफ और स्टाफ खर्च 60,000 रुपये प्रति वर्ष।
• एक साथी के साथ ट्रेन या हवाई मार्ग से मुफ्त यात्रा करने की सुविधा।
• राष्ट्रपति के जीवनसाथी को एक लाख रुपये की सचिवीय सहायता मिलेगी। 30,000 प्रति माह।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू कहाँ रहेंगी? (Where Does the President Live)
भारत के राष्ट्रपति ‘राष्ट्रपति भवन’ में रहते हैं जो दुनिया का सबसे बड़ा राष्ट्रपति भवन है। नई दिल्ली में स्थित, इस विशाल विरासत भवन में चार मंजिलों में फैले कुल 340 कमरे, 2.5 किलोमीटर के गलियारे और 190 एकड़ का उद्यान क्षेत्र है। हेरिटेज बिल्डिंग में राष्ट्रपति का आधिकारिक निवास है, जिसमें रिसेप्शन हॉल, गेस्ट रूम और कार्यालय शामिल हैं, जिन्हें हवेली भी कहा जाता है। उनके पास राष्ट्रपति भवन के रखरखाव के लिए पांच लोगों का एक सचिवीय कर्मचारी और अन्य 200 लोग कार्यरत हैं।
FAQ: द्रौपदी मुर्मू के जीवन से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
u003cstrongu003eQ: द्रौपदी मुर्मू कौन हैं?u003c/strongu003e
u003cstrongu003eAns.u003c/strongu003e भारत की राष्ट्रपति।
u003cstrongu003eQ: द्रौपदी मुर्मू का जन्म कब औरu003c/strongu003e u003cstrongu003eकहां हुआ था?u003c/strongu003e
u003cstrongu003eAns.u003c/strongu003e द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को उड़ीशा के मयूरभंज जिले के बैदापोसी गांव में हुआ था।
u003cstrongu003eQ: द्रौपदी मुर्मू का धर्म क्या है?u003c/strongu003e
u003cstrongu003eAns.u003c/strongu003e द्रौपदी मुर्मु का धर्म हिन्दू है।
u003cstrongu003eQ: द्रौपदी मुर्मू कहाँ से है?u003c/strongu003e
u003cstrongu003eAns.u003c/strongu003e वह भारत में ओडिशा राज्य से है।
u003cstrongu003eQ: द्रौपदी मुर्मू की उम्र क्या है?u003c/strongu003e
u003cstrongu003eAns.u003c/strongu003e 65 साल (जन्मतिथि: 20 June 1958)
सारांश (Draupadi Murmu biography in Hindi)
भारत की भावी राष्ट्रपति मुर्मू ओडिशा की रहने वाली है। राष्ट्रपति मुर्मू का 20 साल से अधिक का राजनीतिक करियर रहा है। उनका जन्म 20 जून 1958 को मयूरभंज जिले के उपरबेड़ा गांव में एक संताल (संथाल ) आदिवासी परिवार में हुआ था। उन्होंने भुवनेश्वर के रामादेवी महिला कॉलेज से कला स्नातक की उपाधि प्राप्त की और फिर 1979 से 1983 तक ओडिशा सरकार में सिंचाई और बिजली विभाग में एक कनिष्ठ सहायक के रूप में काम किया हैं। 1994 में, वह श्री अरबिंदो इंटीग्रल एजुकेशन सेंटर, रायरंगपुर में एक शिक्षक के रूप में शामिल हुईं और 1997 तक संस्थान में अपनी सेवा जारी रखी।
उन्होंने श्याम चरण मुर्मू से शादी की और उनके तीन बच्चे थे। उनके पति और दो बेटों की मौत हो चुकी है। उनके बड़े बेटे का नाम लक्ष्मण मुर्मू था, उनकी मौत महज़ 25 साल की उम्र में हुई थी। वहीं छोटे बेटे (बिरंची मुर्मू) की मौत एक सड़क हादसे में हुई थी उस वक्त बिरंची की उम्र महज 28 साल थी। वहीं, 1 अक्टूबर 2014 को उनके पति भी उन्हें हमेशा के लिए अकेला छोड़कर इस दुनिया से चले गए। अब उनकी एकमात्र जीवित संतान उनकी बेटी इतिश्री मुर्मू है जिसकी अब शादी हो चुकी हैं। बीजेपी और एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति चुनाव जीता है, भारत के राष्ट्रपति चुनाव 18 जुलाई 2022 को हुए थे और वोटों की गिनती 21 जुलाई 2022 को हुई थी। जिसमें उन्होंने विपक्ष और यूपीए उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को भारी अंतर से हराया था।
लेखक का दृष्टिकोण (Biography of President of India Draupadi Murmu in Hindi)
‘भारत की नई राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की जीवनी हिंदी में’ – सर्वप्रथम इस लेख को अंत तक पढ़ने के लिए सभी पाठकों का धन्यवाद। पूर्व राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा देवी सिंह पाटिल के बाद द्रौपदी मुर्मू भारत की दूसरी महिला राष्ट्रपति बनी है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के जीवन पर आधारित इस लेख में ‘आजकल हिंदी’ वेबसाइट के सभी लेखकों का अहम योगदान रहा हैं। उन्होंने आजकल हिंदी के नियमित पाठकों तक अधिक से अधिक जानकारी पहुँचाने के लिए के लिए हरसंभव कोशिश की है, परन्तु यदि राष्ट्रपति मुर्मू के जीवन से जुड़ी कोई अतिरिक्त या अन्य सूचना आपके पास हो तो हमसे अवश्य साँझा करें जिससे की हम आर्टिकल – ‘Draupadi Murmu Biography in Hindi’ को और अधिक ज्ञानवर्द्धक बना सकें।
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